धातु दुर्बलता या धात गिरना : : कारण, लक्षण और देशी उपाय ||

धातु दुर्बलता या धातु रोग / धात गिरना

वर्तमान समय में धातु रोग से बहुत से पुरुष पीड़ित है | यह रोग अत्यधिक कामुक विचारों , अश्लील साहित्य, अश्लील फिल्मे देखने के कारण होता है | इस तरह के क्रियाकलापों के बाद व्यक्ति अधिक कामुक महसूस करता है एवं अपनी वासनाओं की पूर्ति के लिए अप्राकृतिक मैथुन आदि को अपनाता है | अप्राकृतिक मैथुन के कारण उसे अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिनमे से एक है धातु दुर्बलता |

धातु दुर्बलता में व्यक्ति का वीर्य पतला हो जाता है जिसके कारण सम्भोग के समय वह जल्दी स्खलित हो जाता है | पेशाब के साथ वीर्य की लार निकलना , लिंग में अपूर्ण उत्थान , उत्थान से पहले ही लिंग से धातु का गिरना शुरू होना | इन्ही समस्याओ को धातु दुर्बलता कहा जाता है |

धातु दुर्बलता या धातु रोग के कारण

  • मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति जो अनर्गल रूप से अनेक प्रकार की चिंताओं से घिरा रहता है या किसी शौक में रहता है | इस प्रकार के व्यक्तियों में शरीर में स्थित धातुएं दूषित होकर धातु पतली हो जाती है और व्यक्ति धातु दुर्बलता  का शिकार हो जाता है |
  • शरीर में किसी लम्बे समय से चली आ रही बीमारी के कारण या फिर शारीरिक दुर्बलता के कारण भी व्यक्ति को धातु रोग हो जाता है |
  • प्रयाप्त मात्रा में पौष्टिक भोजन जैसे – दूध, दही, मेवा, पौष्टिक आहार , दालें आदि का सेवन नहीं करता तब शरीर में – रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा और शुक्र का पर्याप्त मात्रा में निर्माण नहीं हो पाता | जिससे व्यक्ति की धातु पतली और कमजोर होकर वीर्य पतला हो जाता है , जिस कारण से धातु दुर्बलता या धात गिरना शुरू हो जाता है |
  • अधिक मात्रा में मिर्च मसाले वाले आहार खाने से भी धातु दुर्बलता या धातु रोग हो जाता है |
  • कमोतेजक पदार्थों का सेवन जैसे – लहसुन का अधिक सेवन , मांस , मदिरा, चाय कोफ़ी आदि का अधिक सेवन करने से भी मनुष्य की धातु दुर्बल या स्नायु दुर्बल होती है एवं व्यक्ति धातु रोग से पीड़ित हो जाता है |

लक्षण

धातु दुर्बलता के कारण शरीर में शारीरिक , मानसिक कमजोरी और थकान महसूस होती है | व्यक्ति चिडचिडे स्वाभाव का हो जाता है और शरीर में तरह – तरह के रोग पैदा हो जाते है | धातु रोग से पीड़ित व्यक्ति का शरीर जल्दी ही सूखने लगता है | इसके अलावा कामशक्ति की कमी , सम्पूर्ण अंगो में थकावट, अप्रसन्नता, काम में मन न लगना, उदासी, पेट के रोग , श्वास , खांसी, स्नायु दुर्बलता आदि रोग हो जाते है |

धातु दुर्बलता का घरेलु उपचार या धातु रोग की दवा

पुराने धात की दवा  -“कामसुधा योग” है | स्वदेशी उपचार का यह उत्पाद धातु दुर्बलता, पेशाब के साथ धात गिरना एवं स्वप्नप्रमेह में बेहतरीन परिणाम देता है | इस दवा के निर्माण में 21 वाजीकरण जड़ी – बूटियों का इस्तेमाल किया गया है | बाजार में कामसुधा योग के मुकाबले की कोई दवा उपलब्ध नहीं |पुराने से पुराने धात की दवा स्वदेशी उपचार कामसुधा योग अब जल्द ही एक्सट्रेक्ट बेस्ड कैप्सूल फॉर्म में उपलब्ध होगा |

इसका सेवन 2 कैप्सूल रोज रात को सोने से पहले दूध के साथ करना होता है | महीने भर की यह दवा पुराने से पुराने धात रोग को ठीक करने में समर्थ है | 

⇒ सफ़ेद मुसली धातु दुर्बलता और स्नायु दुर्बलता में बहुत फायदेमंद है | इसलिए नित्य 10 ग्राम सफ़ेद मुसली का चूर्ण – देशी गाय के दूध के साथ निरंतर प्रयोग करने से धातु रोग ठीक हो जाता है | इस प्रयोग का उपयोग जब तक धातु दुर्बलता ठीक न हो जाए तब तक किया जा सकता है |

⇒ धातु दुर्बलता में नीमगिलोय (गिलोय जो नीम के पेड़ पर चढ़ी हुई हो) रामबाण औषधि और अचूक उपचार साबित होती है | सबसे पहले नीमगिलोय की कच्ची डंठल को छाया में सुखा ले , अच्छी तरह सूखने के बाद इमामदस्ते में इसे कूट कर महीन चूर्ण बना ले | इस चूर्ण का इस्तेमाल 5ग्राम की मात्रा में शहद के साथ नित्य 45 दिन तक करने से निश्चित ही धातु दुर्बलता या धातु रोग में आराम मिलता है | स्नायु दुर्बलता में भी फायदेमंद है |

अन्य उपचार

  • 1 गिलास पपीते का ज्यूस सेवन करने से धातु रोग में फायदा मिलता है |
  • कच्चे आंवले का रस निकाल ले | इस रस का सेवन सुबह भूखे पेट शहद के साथ करने से लाभ मिलता है |
  • उड़द की दाल के आटे को गाय के देशी घी में भून कर और इसमें देशी खांड मिलाकर इसके लड्डू बना ले | इन लड्डू का प्रयोग नित्य करने से भी यह रोग चला जाता है |
  • तुलसी के 3 ग्राम बीजो को नित्य दोपहर के खाने के बाद मिश्री मिलाकर सेवन करने से निश्चित ही लाभ मिलता है |
  • इलायची , बादाम और जावित्री को मक्खन और शक्कर के साथ नितमित प्रयोग करे |
  • सुबह उठते ही लहसुन की कच्ची कलियों का भैंस के दूध के साथ नियमित 15 दिन तक करे |
  • बाजार में मिलने वाले , अश्वगंधा और शतावरी को मिलकर नियमित सेवन करने से भी धातु दुर्बलता ठीक हो जाती है |
  • सर्दियों के मौसम में कौंच पाक का सेवन धातु रोग में बहुत फायदेमंद है | इसके साथ आप धातु पौष्टिक चूर्ण का भी प्रयोग कर सकते है |
  • साथ में धुतपपेश्वर ब्रांड का च्यवनप्राश का सेवन भी अच्छे परिणाम देता है |

धातु रोग में परहेज / क्या खाना चाहिए क्या नहीं !

धात की शिकायत होने पर अर्थात धातु रोग की स्थिति में रोगी को उचित औषधि के साथ कुछ परहेज रखने भी अतिआवश्यक होते है | धातु रोग से पीड़ित व्यक्ति को संतुलित एवं सुपाच्य भोजन का सेवन करना चाहिए | तासीर में गरम पदार्थ जैसे – अधिक मिर्च मसालेदार भोजन, फ़ास्ट फ़ूड, तेल से तली हुई चीजें, सड़ा – बासी खाना, नशीले पदार्थ आदि से परहेज रखना चाहिए |

रोगी को चाहिए की वह संयमित दिनचर्या एवं योगासनों को अपनाये ताकि उसे औषधि का अधिक लाभ मिले |

नोट

धातु दुर्बलता के अन्य उपचार में  धातु पौष्टिक चूर्ण या कौंच पाक का इस्तेमाल कर सकते है | धातु पौष्टिक चूर्ण में नपुंसकता और धातु दुर्बलता को खत्म करने की सामर्थ्य है  | अगर आप भी भंयकर कमजोरी से गुजर रहे है तो एक बार इस चूर्ण का इस्तेमाल जरुर करे | 15 दिन के लगातार प्रयोग से ही आप असर देखने लगेंगे |

धन्यवाद 

30 thoughts on “धातु दुर्बलता या धात गिरना : : कारण, लक्षण और देशी उपाय ||

  1. Shivansh yadav or shanu says:

    Sir mujhe toilet karne me halka jor lagane par kuch safed pani aa jata hai aur subah sokr uthne par mera pennis me me chip chipa pan rahta hai sur swapndosh bhi aata hai sarir me kamjori bahut hai sir man is time 17 year ka hoon maine 1 year hand job kiya but 4 month se maine bilkul hi chod diya hai jab se mujhe pata cha la hai sir mujhe bataiye please apne ghar par sirf mai hi kamane wala hoon do choti bahan hai meri sir please mera kisi bhi kam me mann nahi lagta isi karan

  2. Ayush chaturvedi says:

    Sir mujhe toilet karne me halka jor lagane par kuch safed pani aa jata hai aur subah sokr uthne par mera pennis me me chip chipa pan rahta hai sur swapndosh bhi aata hai sarir me kamjori bahut hai sir man is time 17 year ka hoon maine 1 year hand job kiya but 4 month se maine bilkul hi chod diya hai jab se mujhe pata cha la hai sir mujhe bataiye please apne ghar par sirf mai hi kamane wala hoon do choti bahan hai meri sir please mera kisi bhi kam me mann nahi lagta isi karan

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